राजपूताना किले

राजपूताना किले 

जय भवानी जय राजपूताना हुकुम 


  • मेहरानगढ़ का किला ( जोधपुर )

मेहरानगढ़ का किला जोधपुर

      
  मेहरानगढ़ का किला भारत देश का सबसे बड़ा किला है ,इसका निर्माण राव जोधा जी ने लगभग 1459 में करवाया था। राव जोधा जी ने ही जोधपुर की स्थापना की थी  ,राव जोधा जी राव रणमल जी के 24 वे पुत्र थे ,राव जोधा जी राठौड़ साम्राज्य के पचीस वे शासक थे। ,जिन्होंने जोधपुर शहर की नीव डाली। मेहरानगढ़ का किला देखने में बड़ा ही सुन्दर लगता है , यह किला राठौड़ साम्राज्य का  बड़ा किला है , मारवाड़ की पूर्व राजधानी मंडोर थी लेकिन राव जोधा जी ने राज्य की सुरक्षा के लिए अपनी नई राजधानी जोधपुर को बनाई , यह किला पहाड़ की चोटी पर 5 किलोमीटर की दुरी पर बसा यह किला शहर केंद्र में स्थित है ,जो बहुत ही रमणीय है ,इस किले में सात द्वार है , किले के अंदर अति रमणीय और शानदार तरीके से सजे हुए महल और मंदिर है ,जो देखने में बहुत अद्भुत दिखाई देते है , इन महलो में मोती महल ,शीश महल , फूल महल , आदि शामिल है , इस किले के अंदर अति प्राचीन तोप भी सुरक्षित रखी है। 


रात का नजारा मेहरानगढ़ किला जोधपुर 
                 

  • चित्तौडग़ढ़ का किला (राजस्थान )

   


चित्तौडग़ढ़ का किला यह किला सूर्यवंशी सिसोदिया राजवंश की राजधानी रही , यह किला भारतदेश और एशिया महाद्वीप का सबसे लम्बा किला है , इस किले का पूर्व नाम चित्रकूट था , बाद में इसका नाम चित्तौडग़ढ़ पड़ा ,इस किले का निर्माण कार्य राजा चित्रांगा द्वारा करवाया गया था , जिसके कारण इनके नाम पर इस किले का नाम चित्तौडग़ढ़ पड़ा ,  गुहिल वंश के शासक बाप्पा रावल (कालभोज ) ने इस किले को मान मोरी शासक से जीता था , इसके बाद से ही यह किला मेवाड़ राजवंश की राजधानी बन गया , बाप्पा रावल ने इस किले में कई निर्माण कार्य करवाए , गुहिलवंश के बाप्पा रावल के होते हुए भारतदेश पर नजर उढ़ाने की किसी की हिम्मत नहीं हुई , बाप्पा रावल के राज्य में प्रजा भय मुक्त जीवन यापन करती थी , बाप्पा रावल ऐसे शासक थे जिनके रहते भारत पर किसी ने हमला नहीं किया , बाप्पा रावल ने अरबो को युद्ध में हारकर अपनी प्रसिद्धि और आगे बढ़ाया , बाप्पा रावल ने सन 712 ईस्वी में सिंधू के शासक महमूद कासिम जिसके कारण सिंधु की प्रजा बहुत ग्रसित थी , बाप्पा रावल ने महमूद कासिम से सिंधू को जीता और वहा की प्रजा को भय मुक्त करवाया। इस के बाद बाप्पा रावल ने अरबो , मौर्यो ,चावड़ों को हराया , उनका साम्राज्य मेवाड़,मारवाड़,गुजरात , मालवा आदि जगहों तक फैला हुआ था , उन्होंने अरबो को भारत से मार भगाया , राजस्थान के महान पुरुष नागभट प्रतिहार और बाप्पा रावल ने ही अरबो से भारत की रक्षा की और उन्हें भारत से खदेड़ा। 


                                                 

बाप्पा रावल के बाद इसी वंश  में आगे चल के महाराणा हम्मीर ,महाराणा कुंभा , महाराणा सांगा ,महाराणा उदयसिंह ,महाराणा प्रताप , आदि वीर योद्धा इन्ही के वंश में हुए , जिन्होंने चित्तौडग़ढ़ को बाहरी अकर्मणकारीओ से अपनी मातृभूमि की रक्षा की ,महाराणा कुम्भा ने कई महल ,मंदिर , आदि निर्माण कार्य करवाए , उन्होंने अपनी विजय के उपलक्ष्य में विजय स्तभ बनवाया ,जो अति रमणीय है। 




 ,कई मंदिर बनवाये जिसमे एकलिंग नाथ जी का मंदिर और दूसरे मंदिर विशेष है।  इन्होने कई ग्रथों की रचनाये भी की। 
मेवाड़ के आदि देव एकलिंगनाथ जी 


यह किला इतना मजबूत है की यह आज तक इतने आक्रमण के बाद भी उसी प्रकार खड़ा हुआ है , इसकी दीवारे चीन की दिवारो के बाद दूसरी सबसे बड़ी दीवारे है , चित्तौडग़ढ़ के किले में कई मंदिर ,महल , बावडिया , आदि है ,यह किला एशिया का सबसे लम्बा किला है , इस किला 180 मीटर ऊंचाई पहाड़ी पर स्थित लगभग 700 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ यह  में चार राजसी महल ,19 मंदिर ,२० जलाशय  आदि इस किले में मौजूद है।  

  • आमेर का किला (जयपुर, राजस्थान  )

   
                    राजपूताना किले


आमेर का किला यह किला राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर से 11 किलोमीटर की दूरी पर एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है , इस किले पर कछवाहा नरेश शासक राजा मान सिंह का शासन था। इस किले को राजा मान सिंह ,राजा जयसिंह और राजा सवाई सिंह ने बनवाया था। 200 पुराना यह किला एतिहासिक दृष्टि से गौरव का प्रतीक बन हुआ है। इस किलो को लाल पत्थरो की मदद से बनवाया गया था। यह किला बहुत ही ऊंचाई पर बना हुआ है।  यह किला हर प्रकार से पर्यटन का स्थल है , यहाँ विशेषकर सूरजपोल है ,जो मुख्य आँगन की तरफ जाता है। यहाँ कई रमणीय स्थल है जो शोभा का केंद्र बने हुए है , इस किले में कई तोपे है , जो सुरक्षित है। यह किला अपने कलात्मक शैली के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है , इस किले के अंदर कई मंदिर ,और महल जो इस किले की शोभा बने हुए है ,इस किले के प्राचीर द्वार ,माटोआ झील जो पानी का स्त्रोत है इस किले का। 


राजपूताना किले
आमेर पैलेस जयपुर राजस्थान 
                 

इस किले में शीश महल ,जय महल, सुख निवास आदि है , आमेर किले को आमेर पैलेस के नाम से जाना जाता है। 



  • सूर्यगढ़ दुर्ग (जैसलमेर ,राजस्थान )

                        
सूर्यगढ़ दुर्ग या सोनार किला यह राजपूताने के जैसलमेर राज्य का हिस्सा था । इस किले को रावल जैसल ने बनवाया था। यह किला बहुत ही सुन्दर है अब यह एक होटल बन चूका है। इसके ओनर मानवेन्द्र सिंह शेखावत जी है। 

  • जैसलमेर किला (जैसलमेर ,राजस्थान )
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जैसलमेर का किला इसे सोनारगढ़ के किले के नाम से जाना जाता है ,यह किला राजपूताने का एक हिस्सा है ,इस किले का निर्माण रावल जैसल ने करवाया था। जैसलमेर का नाम रावल जैसल के नाम पर रखा गया था , यह भाटी राजपूतो का किला है । रावल जैसल ने 1156 ईस्वी में इस शहर की नीव डाली थी। जैसलमेर का अर्थ  जैसल का पहाड़ी किला। यह एक विशालकाय 99 बुर्जो वाला किला है ,यह अपनी राजपूत शैली वस्तुकला के लिए विख्यात है। 

यह देश में प्रादेशिक क्षेत्र में तीसरा सबसे बड़ा शहर है , जैसलमेर को भारतवर्ष का स्वर्ण शहर कहा जाता है , यह किला पीले रंग के बलुआ के पत्थर और पिले रंग की रोशनी के साथ इसके वास्तुकला का निर्माण कार्य किया गया था। जैसलमेर में कई मंदिर और महल है जो यहाँ पर्यटन के केंद्र है ,यहाँ जैन मंदिर भी है ,जैसलमेर म्युसियम आदि यहाँ दार्शनिक स्थान है। 

यहाँ प्रशिद्ध पटवों की हवेलिया कभी मशहूर है यहाँ की वास्तुकला देखने योग्य है। यहाँ की कलाकृतिया बड़ी ही रमणीय है इन हवेलियों में जो नकसिया की गई है बहुत ही सुन्दर लगती है। 

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बड़ा बाग जैसलमेर , जैसलमेर की एक दार्शनिक जगह है ,यहाँ भव्य छतरिया है ,और रमणीय स्थल है , जो आम जन को आकर्षित करते है। 

sam sand desart जैसलमेर 


                           Jaisalmer, Sam Sand Dunes, Sand Dunes

यह रेगिस्तानी इलाका है जहा रेत ही रेत है। यहाँ ऊट की सवारी प्रशिद्ध है , यहाँ का nature बहुत बढ़िया है , जो आम जन को अच्छा लगता है। जैसलमेर में रामदेवरा एक गांव भी है जो तंवर राजपूत बाबा रामदेव जी के नाम से रखा गया है।  संत थे जिन्होंने समाजकल्याण के अनेक कार्य किये और सभी को शांति का सन्देश दिया। 


  • उदयपुर किला (उदयपुर राजस्थान )

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उदयपुर सिटी पैलेस

उदयपुर के  किले का निर्माण सूर्यवंशी सिसोदिया राजवंश के महाराणा उदयसिंह ने करवाया था। यह महाराणा प्रताप के पिता थे। इन्होने इस किले का निर्माण आरावली के ऊंची पहाड़ियों में करवाया था ,जिससे यह शत्रुओ से सुरक्षित हो , और उनके इस राज्य में प्रजा सुख शान्ति से रह सके। और महाराणा उदयसिंह के बाद आने वाले महाराणाओ  ने यहाँ कई निर्माण कार्य किये , और उदयपुर की सोभा को बढ़ाया। कई ऐसे निर्माण कार्य हुए जिससे उनकी प्रजा को लाभ पंहुचा। 

   
             

उदयपुर को झीलों की नगरी से पहचाना जाता है , यह प्रयटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है ,यहाँ का प्राकृतिक वातावरण बहुत ही सुन्दर है , यह स्वर्ग के सामान प्रतीक होता है , यहाँ कई भव्य स्थल  है जिसे देखने के लिए लोग दूर दूर से यहाँ आते है।   उदयपुर के दार्शनिक स्थल -

उदयपुर सिटी पैलेस 


सज्जनगढ़ - जिसे महाराणा सज्जन सिंह जी ने बनवाया था। यह किला रात के समय बहुत ही सुन्दर नजर आता है। इसे मानसून पैलेस भी कहा जाता है। 

लेक पैलेस -

 यह पैलेस यहाँ के राजाओ ने बनवाया था,अपने सुविधाओं के लिए। अब  यह बहुत ही आकर्षण का केंद्र है ,यह सफ़ेद संगेमरमर के पत्थरो से बनाया गया पैलेस है ,
अब यह एक 5 स्टार होटल है ,पिछोला झील के बीच में इसका नजारा बहुत ही सुंदर नजर आता है। यहाँ कभी संख्या में पर्यटक यहाँ घूमने आते है। 

                       




जग मंदिर पैलेस -


 इसका निर्माण मेवाड़ राजवंश के महाराणाओ ने करवाया था , यह पैलेस पिछोला झील के बीच स्थित है ,और आकर्षण का केंद्र बना हुआ है , यह बहुत सुन्दर व भव्य पैलेस है। और लोगो को आकर्षित करता है। 

जग मंदिर पैलेस उदयपुर


  • केसरिया मंदिर उदयपुर 

  • जगदीश मंदिर उदयपुर राजस्थान - 

                                                              इसका निर्माण महाराणा जगत सिंह ने करवाया था ,
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फतह सागर लेक -


इसका निर्माण महाराणा फ़तेह सिंह ने करवाया था। फतह सागर लेक का नजारा बड़ा ही शोभायमान लगता है ,यह प्रकृति का अनुपम दृश्य है , जो आम जन को आकर्षित करने के लिए काफी है ,

Kumbhalgarh, Rajasthan, Fort
फ़तेह सागर लेक उदयपुर 

                    

सहेलियों की बारी - 


यह एक गार्डन है और पर्यटको के लिए अच्छा स्थान है। यहाँ लोग दूर दूर से इसका दृश्य देखने के लिए उदयपुर आते है ,

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लेक पिछोला -


 यहाँ  लेक पैलेस ,और जग मंदिर पैलेस है और यह शुद्ध पानी का स्त्रोत है। उदयपुर को झीलों का शहर इसलिए कहा जाता है , उदयपुर में प्रकृति द्व्रारा प्राप्त सभी ऐसे रमणीय जगह है , जो आकर्षण का केंद्र बनी हुई है , यहाँ पर ,कई घाट और पैलेस मौजूद है।

                 
Romance, Sunset, Lake, Boats, Sun
लेक पिछोला 
                         

मोती मगरी -


 यहाँ पर हमारे भारत देश के महान स्वाभिमानी राजा वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा है। इसे महाराणा भगवत सिंह जी ने बनवाया था।

महाराणा प्रताप स्मारक  उदयपुर 
                                          

नीमच माता का मंदिर -

 उदयपुर में नीमच माता का मंदिर भी है ,यह मंदिर फतह सागर लेक के करीब पहाड़ियों में बना हुआ है। यह 900 मीटर ऊंचाई पर बना हुआ है।



करनी माता का मंदिर  -

 यह मंदिर दूध तलाई के पास पिछोला झील के पास है ,यह मंदिर उदयपुर में श्रद्धा का केंद्र है। यहाँ से पिछोला झील और लेक पैलेस का नजारा बहुत ही अच्छा दिखता है।

प्रताप गौरव केंद्र -

 यह उदयपुर में स्थित ऐसा केंद्र है जहा वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप और इतिहास के बारे में जानकारी का केंद्र बना हुआ है।




गुलाब बाग़ और ज़ू - गुलाब बाग़ उदयपुर का सबसे बड़ा गार्डन है , यह उदयपुर का मुख्य स्थल है ,यहाँ कई प्रकार के पेड़ पौधे , तालाब , सुन्दर दृश्य , लाइबेरी ,जूलॉजिकल पार्क ,टॉय ट्रेंस , कई मंदिर ,और सरकारी ऑफिस भी है। यह गार्डन लोगो को बहुत पसंद आता है , और इसकी सुंदरता देखने से ही बनती है।

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प्रताप पार्क - यह पार्क पिछोला झील के पास ही है , इस पार्क में  I LOVE UDAIPUR नाम का वॉर्ड वाला बैकग्राउंड है ,जो लोगों को बहुत अच्छा व पर्यटको को आकर्षित करने वाला है , उदयपुर में ऐसे कई जगह है जो प्राकृतिक दृष्टि से देखने योग्य है , उदयपुर के स्थलों का दृश्य बहुत ही सुन्दर और रमणीय है।

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उदयपुर माऊंटेन

  • रणथम्भोर का किला  राजस्थान 


                   
                        

रणथम्भोर का किला रणथम्भोर नेशनल पार्क के अंदर  मौजूद है ,यह सफ़ेद बाघों के लिए विख्यात है यह किला सवाई माधोपुर के करीब है। यह जयपुर राजघराने का शिकारगाह हुआ करता था , 13 वी शातब्दी तक इस किले पर चौहान शासको को शासन था। रणथम्भोर का किला ऐतिहासिक दृष्टि से विश्व विरासत का स्थल है ,यूनेसको  ने 2013 में इस किलो को राजस्थान के 5 पहाड़ी किलो में इसका स्थान है ,  रणथम्भोर का किला कई राजवंशो के अधीन रहा जिसमे मेवाड़ ,जयपुर , बूंदी के हाडा राजपूतो के अधीन रहा।

रणथम्भोर का किला सुदृण और मजबूत किला है , इस किले के अंदर तीन हिन्दू मंदिर ,और जैन मंदिर शामिल है।

रणथम्भोर किला 
यह तीन मंदिर भगवान गणेश , भगवान शिव और रामलला के मंदिर है , इसमें जैन संप्रदाय के 5 वे तीर्थकर सुमतिनाथ का मंदिर है। 

रणथम्भोर किले में रणथम्भोर नेशनल पार्क है जिसे देखने दूर दूर से लोग यहाँ आते है ,और यह एक पर्यटक स्थल बना हुआ है। 

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रणथम्भोर नेशनल पार्क 


  • गागरोन किला राजस्थान 

गागरोन का किला

गागरोन का किला सिंध और आहु नदी के संगम स्थल पर स्थित यह किला है ,इस किले का निर्माण कार्य डोड राजा बीजलदेव ने बारहवीं शप्तब्दी में करवाया था। इस किले में 300 सालो तक खींची राजपूत राजाओ का शासन रहा। यह भारत का एक ऐसा किला है जिसकी नीव नहीं है ,

भारत के विश्व धरोहर की सूचि में यह शामिल किला है। यह भारत का एकमात्र ऐसा किला है इसके तीन परकोटे है ,अक्सर किलो के दो परकोटे ही होते है। इस किले को जलदुर्ग के नाम भी जाना जाता है क्योकि यह  पानी पर बना किला है ,यह किला पहाड़ी किलो में शामिल है , यह किला एतिहासिक दृष्टि से विश्व धरोहर है। 

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  • तारागढ़ दुर्ग (बूंदी ,राजस्थान )

तारागढ़ दुर्ग बूंदी

तारागढ़ या सितारा गढ़ का किला यह किला एक ऊँची पहाड़ी पर बनाया गया था ,इस किला का निर्माण राजा अजयपाल चौहान ने करवाया था। किले में तीन प्रवेश द्वार है ,किले के अंदर कभी तोप भी चढाई जाती थी जिसका नाम गर्भग्रह था , किले के अंदर पानी के भंडार कई मंदिर ,और महल है , किले के भीतर रानी महल है जहा रनियो का निवास स्थान था ,

यह किला राजस्थान के भव्य किलो में शामिल है ,और यह किला आकर्षण की दृष्टि से कभी सुन्दर और रमणीय स्थल है। 


  • जूनागढ़ किला (बीकानेर ,राजस्थान ) 

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जूनागढ़ का किला बीकानेर 
                          
             
जूनागढ़  का किला राजस्थान के बीकानेर शहर में स्थित बहुत ही भव्य किला है ,इस किले को चिंतामणि किला भी कहा जाता है। इस किले का निर्माण राव बीका जी ने करवाया था , यह किला पहाड़ी क्षेत्र में नहीं बनाया गया है इसके चारो तरफ शहर है , 5.28 हेक्टेयर बड़ा किला मंदिर ,सुसज्जित महलो से बन हुआ है , इस किले में कई अकर्मणकारियो ने हमला किया लेकिन वह सफल नहीं हो पाए। 

जूनागढ़ किला वास्तुकला का अनुपम उदाहरण है , इस किले में सुवय्वस्तित तरीके से इसकी बनवट है। 
बीकानेर शहर की नीव रखने वाले राव बीका जी जोधपुर शहर के संस्थापक राठौर साम्राज्य के महाराजा राव जोधा जी के दूसरे पुत्र थे ,जिन्होंने अपने राज्य की नीव राजस्थान के उत्तरी भाग पर अपने राज्य की नीव डाली। 
इस किले में भव्य महल  और सुन्दर स्थल है। 

  
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महाराजा गंगा सिंह राजस्थान के राजकुमारों में सबसे विख्यात राजा थे , उन्होंने कई ऐसे कार्य किये जिससे उनकी प्रजा का कल्याण हुआ , गंगा नहर के अविष्कारक महाराजा गंगा सिंह थे , उनके द्वारा बनवाया गया गंगा महल किले के अन्य तीन महलो के जैसे ही आकर्षक है , उन्होंने अपनी स्वर्ण जयंती के लिए एक नया  महल का निर्माण करवाया जिसे उन्होंने अपने पिता के नाम पर लालगढ़ पैलेस रखा। 


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  • नागौर किला राजस्थान 

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नागौर किला का प्राचीन महत्व है ,इस किले का निर्माण प्राचीन कालीन क्षत्रियो ने करवाया था। इस किले के मूल निर्माता नागवंशी क्षत्रिय थे। नागवंशी क्षत्रियो ने यह लम्बे समय तक शासन किया। नागौर का प्राचीन नाम अहिक्षत्रपुर था। यह शहर धीरे धीरे राठोरो के अधीन हो गया। 

                    


नागौर का किला राजस्थान के भव्य किलो में से एक है। और यह पर्यटको के लिए अनुकूल जगह है। 

  • बाड़मेर किला राजस्थान 


यह किला पर्यटको के लिए आकर्षण का एक केंद्र है ,इस किला का निर्माण रावत भीम द्वारा 1552 ईस्वी में एक ऊँची पहाड़ी पर करवाया था। रावत भीम ने इस किलो को 676 फ़ीट के ऊंचाई पर इस किले का निर्माण करवाया। किले की सुरक्षा दिवार सुदृढ़ है ,किले के अंदर मंदिर ,महल ,जलसाय आदि मौजूद है। 

  • करौली का किला राजस्थान 


यह किला चन्द्रवंशियो क्षत्रिओं की रियासत रही है ,जिसकी स्थापना 995 ईस्वी बिजय पाल ने करवाई थी , इस किले में कई मंदिर और महल है , करौली राज्य की स्थापना 1346 ईस्वी में महाराजा अर्जुन देव पाल ने करवाई थी।  करौली राजवंश चंद्रवंशी क्षत्रियो का वंशज ,इसके अलावा चंद्रवंशी क्षत्रिय जैसलमेर के भाटी ,गुजरात के जडेजा ,रायजादा , मैसूर की वाडियार ये भगवान श्री कृष्ण के असली वंशज है , गुजरात के जडेजा ओ को भगवान कृष्ण के पुत्र प्रधुम्न जी की हवेली  कोर्ट के फैसले के बाद मिली , कोर्ट में यह सिद्ध हो गया की यह ही श्री कृष्ण के असली वंसज है ,  इनके आलावा जो भी चंद्रवशीयो का टैग लगा रहे है नकली है। जैसलमेर के भाटी राजपूतो के पास भगवान श्री कृष्ण का मेघम्बर छत्र है , 


करौली रियासत में माता कैला देवी का मंदिर है जो की इनकी कुलदेवी के रूप में विराजमान है। 

  • अलवर का किला राजस्थान 



यह किला आरावली की ऊँची पहड़ियो में स्थित है ,इस किले पर निकुम्भ राजपूतो का अधिपत्य था ,और उसमें निकुम्भ राजपूतो ने शासन किया। इस किले का निर्माण 1550 में हसन खान मेवाती ने करवाया था ,इस किले में  
छः द्वार है , यहाँ की वास्तुकला बहुत आकर्षक है।


जय भवानी जय राजपूताना।


राजपूताना किले राजपूताना किले Reviewed by Arnab Kumar Das on August 24, 2020 Rating: 5

23 comments:

  1. Bahut hi bdiya blog
    Jai bhawani jai rajputana 🌞🙏🚩⚔️

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  2. jai rajputana jai maa bhawani

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  3. Bahut hi bdiya blog hai hukum 9c information

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  4. ⚔️Jai Rajputana🚩🚩Jai Maa Bhawani

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