Rajputo Ka Itihas
JAI RAJPUTANA |
आज कल के ज़माने में लोगो की यह सोच बन गयी है की , राजपूतो ने लड़ाईया तो की है लेकिन वे एक हारे हुए योद्धा थे , उनके मन में यह अवधारणा है की वह कभी अकबर से हारे ,कभी बाबर से हारे ,कभी अल्लाउदीन से हारे यही सोच घर कर गई है ,
क्या वास्तव में यही सत्य है क्या ?
महाराणा प्रताप के बारे में ये पंक्तिया गर्व के साथ सुनाई जाती है।
जीत हार की बात न करिये संघर्षो पर ध्यान करो।
कुछ लोग जीत कर भी हार जाते है ,कुछ हार कर भी जीत जाते है।
सत्य बात तो यह की हमे वह इतिहास ही पढ़ाया गया है जिसमे हम हारे है।
मेवाड़ के राणा सांगा (संग्राम सिंह ) ने 100 से भी अधिक युद्ध लड़े। जिनमे से वे सिर्फ एक ही युद्ध में हारे ,आज उसी एक युद्ध के बारे में यह दुनिया जानती है बस ,उस एक युद्ध से ही राणा सांगा का इतिहास शुरू किया जाता है और उसी पर ख़त्म किया जाता है।
राणा सांगा द्वारा लड़े गए खंडार,अहमदनगर बाड़ी ,गागरोन ,बयाना ,ईडर ,खातौली जैसे युद्धों की बात आती है तो हम सायद इसके बारे में ज्यादा नहीं बता पाएंगे। जितना की हम खानावा के युद्ध के बारे में बता सकते है।
हमे सिर्फ ऐसा ही इतिहास पढ़ाया गया है जिसमे राजपूत हारे हुए है ,
खातौली के युद्ध में महाराणा सांगा का अपना एक हाथ और एक पैर गवा कर उन्होंने दिल्ली के इब्राहिम लोदी को दिल्ली तक खदेड़ दिया , उसकी बहुत बुरी हालत कर दी , लेकिन यह सब मायने नहीं रखता है ,राजपूतो का ऐसा इतिहास नहीं पढ़ाया जायेगा ,
बयाना के युद्ध में मुग़ल बादशाह बाबर को मैदान छोड़ कर भागना पड़ा था , लेकिन नहीं इन्हे मायने रखता है की खानवा के युद्ध में महाराणा सांगा पराजित हुए।
आज कल की युवा पीठि को राजपूतो के असली इतिहास से वंचित किया गया है।
सम्राट पृथ्वीराज चौहान की बात आती है तो तराइन के युद्ध में गौरी ने पृथ्वीराज चौहान को हराया , तराइन का युद्ध तो सम्राट पृथ्वीराज चौहान द्वारा लड़ा गया आखरी युद्ध था ,उससे पहले उनके द्वारा लड़े गए युद्धों के बारे में हम कितना जानते है ?
इसी तरह महाराणा प्रताप का नाम आता है तो हल्दीघाटी का युद्ध पहले आता है , हलाकि इस युद्ध का परिणाम विवाद में रहा , हाल ही में महाराणा को विजेता माना ,
महाराणा प्रताप द्वारा अनेको युद्ध लड़े गए जिनमे दिवेर का युद्ध खास है ये सब इतिहास में कभी नहीं पढ़ाया जायेगा ,
बरहाल ,महाराणा प्रताप ने गोगुन्दा ,चावंड ,मोही ,मदारिया,कुम्भलगढ़ ,ईडर ,माण्डल ,दिवेर ,जैसे 21 बड़े युद्ध जीते ,और 300 से ज्यादा मुग़ल छावनियाँ को ध्वस्त किया।
महाराणा प्रताप के समय मेवाड़ में लगभग 50 दुर्ग थे , महाराणा प्रताप से 50 में से २ दुर्ग छोड़कर शेष सभी दुर्ग पर विजय प्राप्त की थी ,उन्होंने सम्पूर्ण मेवाड़ पर पुनः अधिकार किया था।
दिवेर के युद्ध में महाराणा प्रताप के पुत्र अमर सिंह ने अकबर के काका सुल्तान खा को कवच समेत ही भाले के प्रहार से फाड़ न दिया था ,लेकिन नहीं हम तो सिर्फ हल्दीघाटी का युद्ध ही पढेगे।
महाराणा अमर सिंह ने जहाँगीर से 17 बड़े युद्ध लड़े 100 से अधिक मुग़ल छावनियाँ ध्वस्त किये ,लेकिन नहीं हमे पढ़ाया जायेगा महाराणा अमर सिंह ने मुगलो से संधि कर ली लेकिन उनके बीच हुआ क्या ये नहीं बताया जायेगा।
महाराणा कुम्भा ने 32 दुर्ग बनवाये ,कई ग्रन्थ लिखे ,विजय स्तम्भ बनवाया ,लेकिन क्या हम उनके द्वारा लड़े गए युद्धों के बारे जानते है ,
महाराणा कुम्भा ने आबू ,मांडलगढ़ ,खटकड़ ,जहाजपुर ,गागरोन ,मांडू ,नराला,मलारणा ,अजमेर ,सिंघपुर ,हम्मीरपुर ,आमेर ,रणथम्भोर ,डूंगरगढ़ ,बूंदी ,होदोड़ी ,नागौर ,खंडेला ,मल्लारगढ़ आदि समेत 100 से अधिक युद्ध जीते ,अपने पुरे जीवन काल में महाराणा कुम्भा ने किसी भी युद्ध में पराजय का मुँह नहीं देखा।
इस प्रकार राजपूतो ने जो युद्ध हारे बस इतिहास में हमें वही पढ़ाया गया।
सभी से निवेदन है की आप सब अपने पूर्वजो अपने महापुरषो के बारे में वास्तविक इतिहास पढ़िए और अपने आने वाली पीढ़ियों को वास्तविक इतिहास पढाये ,ताकि आने वाली पीढ़ी हमे वही समझे ,जो हम वास्तव में थे।
जय राजपूताना जय माँ भवानी।
Rajputo Ka Itihas
Reviewed by Arnab Kumar Das
on
August 21, 2020
Rating:
Jai Bhawani
ReplyDeletejai bhawani sa
DeleteJai Rajputana 🙏🚩
ReplyDeletejai rajputana
DeleteJai bhawani
ReplyDeletejai bhawani
Deletejai bhawani
ReplyDeletejai ho
DeleteJai Rajputana
ReplyDeletejai rajputana
Deleteram ram
ReplyDeleteJai bhawani
ReplyDeletejai bhawani
Deleteजय राजपूताना 🚩⚔️ हुकुम
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Deletejai rajputana sa
ReplyDeletejai rajputana hukum
ReplyDeleteJai bhawani Jai rajputana
ReplyDeletejai bhawani jai rajputana
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