Patan ki Rani Rudabai History In Hindi
पाटण की रानी रुदाबाई का इतिहास
जय माँ भवानी जय राजपुताना हुकुम।
पाटन की रानी रुदाबाई कौन थी
आज हम ऐसी क्षत्राणी के बारे में आप सभी को बतायेगे जिन्होंने सुल्तान बेघारा के सीने को फाड़ कर उसके सीने से उसका कलेजा बहार निकाल लिया था। और कर्णावती शहर के बीच उन्होंने उसका सर धड़ से अलग करके टांग दिया था। वह क्षत्राणी थी पाटण की रानी रुदाबाई।
रानी रूदाबाई का इतिहास | Rani Rudabai ( Rupba ) History in Hindi
गुजरात के कर्णावती के राजा राणा वीर सिंह बाघेला थे। इस राज्य पर सोलंकी वंश का राज्य था ,इस राज्य ने कई तुर्क अकर्मणकारियो के हमले को सहा है ,लेकिन किसी हमलावर को इस राज्य पर विजय नहीं मिली। सन 1497 में सुल्तान बेघारा ने पाटण राज्य पर हमला किया लेकिन वह राणा वीर सिंह बाघेला के सामने टिक नहीं पाया वह और उसकी सेना को बहुत बुरे तरीके से हार का सामना करना पड़ा ,सुल्तान वहाँ से किसी प्रकार से अपनी जान कर भागा।
वह उस राज्य को जीतना चाहता था ,और उसकी नजर Patan ki Rani Rudabai पर थी उसने उनकी सुंदरता के बारे में सुन रखा था , इन सभी कारणो से वह उस राज्य पर हमला करने की कई योजनाए बना रहा था।
उसी राज्य का एक साहूकार उससे जा मिला ,लालच के कारन वह उस सुल्तान को कर्णावती राज्य की सारी गुप्त सूचनाएं देता रहा। उसने राज्य के कई ऐसी राज जान लिए थे जिससे उसे कर्णावती राज्य पर विजय मिल सकती थी। उसने दोबारा कर्णावती राज्य पर हमला किया और इस बार उसने छल से राणा वीर सिंह बघेला को पराजित कर दिया। राणा वीर सिंह उस युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए।
राणा के वीरगति के पश्चात वह महल की ओर अपनी 10000 सेना को लेकर आगे बढ़ता है ,राणा के वीरगति की सूचनाएं महारानी को मिली। रानी रुदाबाई ने अपने महल के ऊपर 2500 धनुषधारी वीरांगनाओं के एक सेना तैयार की हुई थी जो उनके एक इशारे पर हमला करने के लिए तैयार थी।
वह सुल्तान वासना में अँधा हो कर रानी के महल में जा पंहुचा , जैसे ही उसने उस दुर्ग के अंदर पैर रखा रानी ने समय न गवाते हुए अपनी खंजर से उस सुल्तान के सीने को फाड़ डाला और उसका कलेजा बाहर निकल दिया , और दूसरी तरफ उनकी वीरागनाओं ने सुल्तान की सेना पर तीरो की बारिश कर दी जिससे उसकी सेना तीतर बितर हो गयी ,और तीरो के भीषण प्रहार के कारण वही ढेर हो गई।
शेरनी राणी रुदाबाई के अदम्य साहस की कहानी
रानी रुदाबाई ने सुल्तान का कलेजा उसके सीने से बाहर निकाल दिया
रानी रुदाबाई ने सुल्तान का कलेजा उसके सीने से बाहर निकाल कर शहर के बीचो बीच लटका दिया ,साथ ही यह चेतावनी भी दी की जो भी अकर्मणकारी भारतवर्ष या हिन्दू नारियो पर बुरी नजर डालेगा उसका यही हाल होगा।
इसके बाद Patan ki Rani Rudabai ने अपना राजपाठ सही हाथो पर सौंप कर जल समाधी ले ली।
हम सब नमन करते है हमारे भारतवर्ष की ऐसी नारियो को। जिन्होंने भारतवर्ष और क्षत्रिय वंश का मान और धर्म की रक्षा की।
Patan ki Rani Rudabai History In Hindi
Reviewed by Arnab Kumar Das
on
November 30, 2020
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Jai maa bhawani 🙏🚩
ReplyDeleteHar har mahadev
ReplyDeletejai ho baisa kirandevi ki
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