Raja Bakhtawar Singh Amjhera
अमझेरा के राजा राणा बख्तावर सिंह
अमझेरा के अमर शहीद राणा बख्तावर सिंह का - जीवन परिचय
Raja Bakhtawar Singh का जन्म 14 दिसंबर सन 1824 को हुआ था , इसके पिता महाराजा राव अजीत सिंह जी थे , और उनकी माँ का नाम महारानी भट्याणी जी इंद्रकँवर था।
राणा बख्तावर सिंह का राज्याभिषेख मात्र 7 वर्ष की आयु में ही हो गया था।
राजा बख्तावर सिंह का इतिहास
अमझेरा के Raja Bakhtawar Singh ने अंग्रेजो पर पहला आक्रमण -
2july सन 1857 की रात्रि में भोपावर छावनी पर हमला करके अंग्रेजो को वहाँ से भागने पर मजबूर कर दिया। और उनकी बहुत बुरी हालत कर दी , भोपावर छावनी के सारे धन पर कब्ज़ा कर लिया गया , वह छावनी अब राणा बख्तावर सिंह के कब्जे में थी , वहाँ का सारा धन लेकर उस छावनी पर आग लगा दी गई। जिससे वह खाख हो गई।
राणा बख्तावर सिंह और उनके सैनिक अंग्रेजी सत्ता को उखड फेकने को आतुर थे। वे भारत भूमि को अंग्रेजो की गुलामी से आजाद करना चाहते थे । उन्होंने लगातार इस कार्य को जारी रखा ,जिससे वे अग्रेजो के पराजित कर सके ।
अंग्रेज़ो पर दूसरा हमला -
16 अक्टूबर 1857 को भोपावर छावनी पर पुनः आक्रमण कर उस छावनी को पुनः अपने अधिकार में ले लिया गया। और 11अक्टूबर को मालवा पल्टन के सैनिक मुख्यालय सरदारपुर भी घमासान लड़ाई के जरिये उस जगह को भी अपने अधिकार में ले लेते है। और उस पर कब्ज़ा कर लेते है । ब्रिटिश सेना बुरी तरह से हार कर दुम दबा कर भाग जाती है ।
अंग्रज़ो पर तीसरा आक्रमण -
Raja Bakhtawar Singh ने अग्रेजो पर तीसरी बार आक्रमण 16 अक्टूबर 1857 को किया , उन्होंने मानपुर -गिजरी ब्रिटिश छावनी पर हमला किया , और वहाँ के ब्रिटिश सैनिको को और उनके प्रमुखों को पराजित कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया ।और उस छावनी पर कब्ज़ा कर लिया।
अंग्रेजो पर चौथा आक्रमण -
18 अक्टूबर सन 1857 को मंडेलेस्वर छावनी पर चारो तरफ से आक्रमण कर उस छावनी पर अपना अधिकार किया । ब्रिटिश सैनिक और कर्नल केंटिज और जनरल क्लेर्क अपने अथियार डाल कर महू भाग गये।
Raja Bakhtawar Singh की गिरफतारी कैसे हुई।
Raja Bakhtawar Singh को 11 नवम्बर 1857 को शांतिवार्ता करने के लिए धोखे से लालगढ़ बुला कर लिरला के पास उन्हें वहाँ ग्रिफ्तार कर लिया गया। और महू जेल में डाल दिया गया।
इस धोखे के वजह से Raja Bakhtawar Singh ग्रिफ्तार हुए।
उन्हें फ़ासी के सजा सुनाई गई, जब राणा बख्तावर सिंह को फ़ासी पर लटकाया गया तो फाँसी का फंदा टूट गया। वह फंदा उनके भार को नही सह सका ।
लेकिन फिर उन्हें मोटे से फंदे में लटकाया गया , जिससे राणा की मृत्यु हो गई।
इस धोखेबाजी के चलते अमर शहीद राणा बख्तावर सिंह की मृत्यु हुई । Raja Bakhtawar Singh अमझेरा रियासत के ऐसे राजा थे जिन्होंने अग्रेजो को बुरी तरह भारत पर राज्य करने वाले कार्यो को करने से रोका । और अंत में अपना इस राष्ट्र के लिए बलिदान दिया ।
Raja Bakhtawar Singh Amjhera
Reviewed by Arnab Kumar Das
on
December 23, 2020
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jai bhawani jai rajputana
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