जंतर मंतर जयपुर (राजस्थान)
जंतर मंतर जयपुर (राजस्थान)
जय भवानी जय राजपूताना 🚩⚔️
जयपुर की स्थापना महाराजा सवाई जय सिंह जी द्वतीय ने की थी ।
जयपुर के महाराजा सवाई जय सिंह जी द्वतीय ने 1728 ईस्वी में जंतर मंतर वेधशाला की स्थापना की थी ।जो 18वीं सदी के महान वैज्ञानिक व एक महान राजा थे।
जंतर मंतर का अर्थ क्या होता है। जंतर का अर्थ होता है उपकरण और मंतर का अर्थ होता है गणना ।
अर्थात वह वेधशाला जहा उपकरणों की गणना की जाती हो ।
जंतर मंतर जयपुर राजस्थान में संसार की सबसे बड़ी सूर्य घड़ी है ।जिसका नाम सम्राट यन्त्र है।
जंतर मंतर में ऊंचाई नापने के लिए रामयंत्र भी है ।
महाराजा सवाई जय सिंह ने जयपुर के अलावा उज्जैन ,वाराणसी ,मथुरा, दिल्ली आदि जगहों में भी वेधशालाओ की स्थापना करवाई है।
यूनेस्को की विश्व धरोहर में 2010 में जंतर मंतर को शामिल किया गया था ।
जंतर मंतर की वेधशाला में कई उपकरण की गणना की जाती जैसे तारो की गति का स्थिति का आकलन , गणित व खगोलीय से सम्बंधित गणना , ग्रहण आदि की गणना की जा सकती थी ।
इस वेधशाला में 24 यंत्र है जो अलग अलग उपकरणों की गणना कर सकते है ।
इस वेधशाला में जयोतिष और खगोलीय घटनाओं की भविष्यवाणी की जाती थी।
भारत की एक बुक 'भारत एक खोज' जिसमे महाराजा सवाई जय सिंह के योगदान और व्यक्तित्व की प्रसंशा की गई है।
देश की सभी वेधशालाओं में जयपुर की वेधशाला सबसे बड़ी है ।
महाराजा सवाई जयसिंह ने कई खगोलशास्त्रीओ की मदद ली इन वेधशालाओ के निर्माण में । महाराजा ने इस वेधशाला को 1728 में बनवाया था और इसका निर्माण कार्य 1734 ईस्वी में पूरा हुआ था ।
यह वेधशाला आकार में भी विशाल है और बाकि वेधशालाओ के यंत्रो से भी आगे है। वर्त्तमान में जंतर मंतर जयपुर व दिल्ली का जंतर मंतर ही आज बचे हुआ है बाकी के जंतर मंतर अब गजब ही हो चुके है।
आज भी यह सत्य है कि यहाँ खगोलीय गणना और ज्योतिषी गणना सही निकलती है।
इस वेधशाला में कई यन्त्र है जैसे जयप्रकाश यन्त्र 1और
जयप्रकाश यन्त्र 2 ,नाडीवालय यन्त्र , रामयंत्र ,सम्राट यन्त्र, ध्रुवदर्शक यन्त्र, लघुसम्राट यन्त्र आदि ऐसे यन्त्र है जो गणितीय व् खगोलीय गणना आज भी इसके माध्यम से की जाती है ।
महाराजा सवाई जयसिंह ने कई महल , मंदिर, जलाशयओ आदि का निर्माण करवाया । महाराजा सवाई जयसिंह से ऐसे कई कार्य किये जिससे उनकी प्रजा को सुख पहुच सके। महाराजा सवाई जयसिंह उस सदी के महान विद्वान और महान राजा थे।
जंतर मंतर जयपुर (राजस्थान)
Reviewed by Arnab Kumar Das
on
September 22, 2020
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Jai rajputana
ReplyDeletejai rajputana sa
DeleteMaharaja sawai jai singh ki jai
ReplyDeletejai hind jai rajputana
ReplyDeletejai rajputana sa
DeleteJai rajputana
ReplyDeleteKshatriya dharm yuge yuge
jai rajputana jai maa bhawnai
Deletejai maa bhawani
Deleteyadi aap sabhi hukum ko yah blog accha lage to ise share kre
ReplyDeleteJi
DeleteJai rajputana
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