राजपूतो के नाम से शहर

राजपूतो के नाम से शहर 

इतिहास राज्य -राजस्थान






राजपूत राजाओ के नाम पर है राजस्थान के ये शहर 

गंगानगर,बीकानेर,जैसलमेर,बाडमेर,जालोर,सिरोही,उदयपुर,डूंगरपुर,बांसवाड़ा,प्रतापगढ़,चित्तौड़गढ़,झालावाड़,कोटा,बारां,सवाईमाधोपुर,करौली,धौलपुर,भरतपुर,अलवर,जयपुर,सीकर,झुंझुनू,चूरु,भीलवाड़ा,हनुमानगढ़,नागौर,जोधपुर,पाली,अजमेर,बूंदी, राजसमंद, टोंक, दौसा!!


इन नामों में एक भी मुगलों के नाम नहीं है अर्थात एक भी जिले का नाम मुगलो पर नही है!! राजपूतो के शौर्य ,
 बलिदान, और त्याग के कारण ही भारत देश और इन शहरो का अस्तित्व है। राजपूतो ने अपने स्वभिमान और मातृभूमि की रक्षा कर लिये अपना सब कुछ त्याग कर दिया । 

इन शहरो के नामो से पता चलता होगा कि राजपूतो ने क्या किया। 


  • Rajput Histroy

शहर राजपूतो के नाम से 

अजमेर:- अजमेर 27 मार्च1112 में चौहान राजपूत वंश के तेइसवें शासक अजयराज चौहान ने बसाया!! संकम्भरी चौहान वंश में जन्मे राजपूत राजा अजयराज चौहान एक महान राजा थे। जिन्होंने अपनी प्रजा के लिए कई ऐसे कार्य किये जिंनसे आमजन खुशहाल रहे।



बीकानेर:- बीकानेर का पुराना नाम जांगल देश, राव बीका जी राठौड़ के नाम से बीकानेर पड़ा! राव बीका जी जोधपुर शहर के संस्थापक राव जोधा जी के वंशज है। जिन्होंने अपना एक अलग राज्य बनाया । राव बीका जी राठौर राजवंश के महान राजाओ में से थे। जो एक कुशल प्रशासक थे।




गंगानगर:- महाराजा गंगा सिंह जी से गंगानगर पड़ा! महाराजा गंगा सिंह जी को कलयुग का भागीरथी भी कहा जाता है। जिन्होंने गंगा नहर की स्थापना की थी । जो आज तक उस क्षेत्र की जनता के लिए लाभकारी है।
महाराजा गंगा सिंह राव बीका जी के वंशज है।



जैसलमेर:- जैसलमेर ,महारावल जैसलजी भाटी ने बसाया। यह शहर रेत से घिरा हुआ क्षेत्र है। महारावल जैसलजी ने जैसलमेर का सोनरगढ़ दुर्ग की स्थपना की । जो अद्भुत कला का जीता जागता उदाहरण है। इस किले का दृश्य अद्भुत है।



उदयपुर: - महाराणा उदय सिंह जी ने बसाया उनके नाम से उदयपुर पड़ा!! महाराणा उदय सिंह एक कुशल शासक थे ।जिन्होंने अपने मातृभूमि के लिये अकबर से निरंतर संघर्ष किया। इसके बाद महाराणा प्रताप ने इस संघर्ष को जारी रखा । और अपने मातृभूमि के स्वाभिमान के खातिर अकबर से आने वाली हर चुनोतियो को विफल किया और अपने मातृभूमि की रक्षा की ।



बाड़मेर:- बाड़मेर को राव बहाड़ जी ने बसाया!! 


जालौर:- जालौर की नींव 10वी शताब्दी में परमार राजपूतों के द्वारा रखी गई! बाद में चौहान, राठौड़, सोलंकी आदि राजवंशो ने शासन किया!! जालौर का किला अद्भुत वास्तुकला का उदहारण है।


सिरोही:-राव सोभा जी के पुत्र, शेशथमल ने सिरानवा हिल्स की पश्चिमी ढलान पर वर्तमान शहर सिरोही की स्थापना की थी। उन्होंने वर्ष 1425 ईसवी में वैशाख के दूसरे दिन (द्वितिया) पर सिरोही किले की नींव रखी। सिरोही शहर की तलवारे अति प्रशिद्ध है।


डूंगरपुर:- वागड़ के राजा डूंगरसिंह ने ई. 1358 में डूंगरपुर नगर की स्थापना की। बाबर के समय में उदयसिंह वागड़ का राजा था जिसने मेवाड़ के महाराणा के संग्रामसिंह के साथ मिलकर खानावा के मैदान में बाबर का मार्ग रोका था। 

प्रतापगढ़:- प्रताप सिंह महारावत ने बसाया! महा  रावत प्रताप सिह कुशल प्रशासक थे। 


चित्तौड़गढ़ :- स्वाभिमान, शौर्य ,त्याग, वीरता ,राजपुताना की शान चित्तौड़, पर सिसोदिया (गहलोत)वंश ने शासन किया ।बप्पा रावल, एक ऐसे शासक थे जिनके डर से 400 वर्षो तक विदेशी आक्रमणकारी भारत पर आक्रमण करने से डरते थे। बाप्पा रावल ने सिंध को मुग़ल आक्रंतायो से आजाद करवाया । बाप्पा रावल के काल में चित्तौरगढ़ का सम्पन्य और भयमुक्त था। इस वंश में कई महान राजपूत राजाओं ने जन्म लिया जिन्होंने मातृभूमि के स्वाभिमान की रक्षा के लिए अपना सर्वार्श्व त्याग कर दिया । महाराणा कुम्भा,महाराणा हमीर,महाराणा सांगा, महाराणा उदय सिंह, महाराणा प्रताप, ऐसे योद्धा हुए जिन्होंने आपने मातृभूमि के स्वाभिमान पर आंच नही आने दी।



हनुमानगढ़ :-भटनेर दुर्ग 285 ईसा में भाटी वंश के राजा भूपत सिंह भाटी ने बनवाया इस लिए इसे भटनेर कहाँ जाता है। मंगलवार को दुर्ग की स्थापना होने कारण हनुमान जी के नाम पर हनुमानगढ़ कहा जाता है।


जोधपुर:-राव जोधा ने 12 मई, 1459 ई. में आधुनिक जोधपुर शहर की स्थापना की। राव जोधा जी राव सीहा जी के वंशज है। जोधपुर के वर्तमान महाराजा गज सिंह जी है। 




राजसमंद:- शहर और जिले का नाम मेवाड़ के राणा राज सिंह द्वारा 17 वीं सदी में निर्मित एक कृत्रिम झील, राजसमन्द झील के नाम से लिया गया है। 


अलवर :-  इसे कछवाह राजपूतो ने स्थापित किया था।यह कछ्वाह राजपूतो की रियासत थी।


झालावाड़ :  झालावाड़ की स्थापना राज राणा मर्दन सिंह झाला 1840 ईस्वी में की थी। झालावाड़ का गढ़ अति प्राचीन और सुन्दर है।


धोलपुर : धौलपुर की स्थपना महाराजा धोलनदेव ने की थी। इस की स्थापना ग्यारहवी स्पताब्दी ने की गई थी ।इसका पहला नाम धवलपुर था।बाद मर इसका नाम धौलपुर हो गया ।


दौसा : इसकी स्थापना बडगुजर राजपूतो ने करवाई थी। बाद में यह कछवाहा राजपूतो के अधीन हो गया ।


सीकर : सीकर को महाराजा वीरभान ने बसाया था ।पहले इसका नाम वीरभान का बाश था। लेकिन बाद में इसका नाम सीकर हो गया ।

जयपुर : जयपुर शहर की स्थापना महाराजा सवाई जय सिंह ने करवाई थी। जिनके नाम पर इस शहर का नाम जयपुर पड़ा।


पाली : पाली शहर को पालीवाल ब्राम्हणो ने बसाया था। यह महाराणा प्रताप का ननिहाल और महाराणा उदयसिंह जी का ससुराल था।


करौली : इसकी स्थापना यदुवंशी राजपूत राजा विजय पाल ने करवाई थी। ये भगवान श्री कृष्ण के वंशज थे ।


सवाई माधोपुर: सवाई माधोपुर को महाराजा माधोसिंह ने बसाया था ।


भीलवाड़ा : यह शहर भीलों की जनजाति के नाम से पड़ा। जिन्होने महाराणा प्रताप के साथ अकबर को युद्ध में हारने में मदद की थी ।


नागौर : इसकी स्थापना प्राचीन कालीन नागवंशी क्षत्रियो ने करवाई थी। यह इक्ष्वाकु वंश की शाखा है जो अलग हो गई थी । इसके बाद नागौर में राठौड़ राजपूतो का शासन रहा ।


कोटा : कोटा को हाड़ा राजपूतो ने बसाया था।

बूंदी :- बूंदी की स्थापना राव देवा ने करवाई थी। बूंदी हाडा राजपूतो की रियासत थी।




राजपूतो के नाम से शहर राजपूतो के नाम से शहर Reviewed by Arnab Kumar Das on September 22, 2020 Rating: 5

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