History of Udaipur

History of Udaipur 

         
History of Udaipur



उदयपुर को झीलों का शहर कहा जाता है , यह आरावली पहाडिओ से गिरा हुआ क्षेत्र है। उदयपुर में कई महल ,मंदिर,हवेलिया है। यह शहर राजस्थान का एक नगर और पर्यटन का स्थान है। झीलों की नगरी के नाम से विख्यात यह नगर देश विदेश में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

उदयपुर का निर्माण :-

उदयपुर का निर्माण सूर्यवंश में जन्मे सिसोदिया कुल के महाराणा उदय सिंह जी ने करवाया था। यह नगर मेवाड़ 
शाशको की राजधानी रहा। इस नगर की उत्पति के पीछे की एक कहानी है, यह इस प्रकार है कि एक बार महाराणा उदय सिंह आरावली की पहाड़ियों में अपने शिकार अभियान पर थे ,वहा उन्हें एक तेजस्वी ऋषि मिले , 
ऋषि ने उन्हें सलाह दी कि यहाँ एक नगर की स्थापना कीजिये ,उन्होंने बताया की यह उपजाऊ भूमि है और आरावली की ऊंची ऊंची पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहाँ नगर स्थापना से आपका राज्य संरक्षित होगा। 
ऋषि की आज्ञा के अनुसार महाराणा  उदय सिंह ने सन 1559 में इस नगर की स्थापना करवाई। 

गढ़ो में गढ़ चित्तौड़गढ़ मेवाड़ राजवंश की राजधानी थी ,लेकिन लगातार हमले के चलते महाराणा उदय सिंह ने
अपने राज्य को स्थानातरित कर दिया। अब उदयपुर उनकी नई राजधानी बनी। यह क्षेत्र आरावली की ऊंची पहाड़ियों के कारण अति सुरक्षति था ,महाराणा ने अपने राज्य को व्यवस्थित किया ,और धीरे धीरे मुग़ल साम्राज्य को कमजोर करते हुए ,उन्होंने मेवाड़ का अधिकांश भाग अपने अधीन कर लिया था। 

लेकिन उदयपुर उनकी राजधानी बना रहा , 1947 में भारत आज़ाद होने के बाद उदयपुर के महाराजा ने अपना राज्य भारत सरकार को सौप दिया। उस समय मेवाड़ राजस्थान में विलय हो गया। 
वर्तमान समय में उदयपुर भारत के नक़्शे में एक अनुकूल स्थान प्राप्त करता है , उदयपुर अपने सुगम परिवेश 
और शाही अतितो के लिये जाना जाता है , उदयपुर अपने विशाल महलो , मंदिरो ,और झीलों के मनोरम दृश्यों 
के कारण आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। 

उदयपुर के दार्शनिक स्थान :-

  1. पिछोला झील :-
 इस झील के बारे में कहा जाता है कि महाराणा लाखा के काल में इस झील का निर्माण एक बंजारे द्वारा  करवाया गया था। इस झील के बीच में चबुतरा है।  महाराणा उदयसिंह जी ने इस झील का विस्तार करवाया। इस झील में दो द्वीप है और इनमे दो महल बनवाये। एक है जग निवास जो अब लेक पैलेस बन चूका है और दूसरा है जग मंदिर। दोनों ही उदयपुर नगर की सोभा को बढ़ाते है। यदि इन्हे कोई देखे तो देखता ही रह जाये।

     2. जग निवास पैलेस {लेक पैलेस }:- 

झील के एक द्वीप पर बना यह महल अब एक होटल में बदल गया है। यहाँ आंनद से भरे  स्थान ,खाने और इसके मनोरम दृश्य देखने के लिए देश विदेश से लोग यहाँ आते है। और यहाँ आ के आनद का अनुभव करते है। 

     3 . जग मंदिर उदयपुर :-

दूसरे द्वीप पर बना यह मंदिर अति भव्य है। इसका निर्माण कार्य महाराणा करन सिंह द्वारा करवाया गया था ,लेकिन इसका विस्तार महाराणा जगत सिंह ने करवाया ,यहाँ से अति मनोरम बड़े ही अच्छे दृश्य दिखाई देते है। 


       4 . सिटी पैलेस उदयपुर :-

 उदयपुर की शान है ये महल ,इसका निर्माण महाराणा उदयसिंह ने करवाया  था। यह महल राजस्थान का सबसे बड़ा महल है। महाराणा उदय सिंह के बाद आने वाले महाराणाओ ने इसका विस्तार किया। यह महल उदयपुर नगर का मुख्य स्थान है। जिसे देखने देश विदेश से लोग यहाँ आते है। उदयपुर में संग्रहालय है। 


       5 . शिल्पग्राम उदयपुर :-

यहाँ गोवा ,गुजरात ,राजस्थान ,महाराष्ट्र के परम्परागत घरो को दर्शाया गया है  जो आकर्षण का केंद्र है। 


         6 . सज्जनगढ़ उदयपुर :- 

दक्षिण में आरावली पहाडियो में बने इस  महल का निर्माण महाराणा सज्जन  सिंह जी ने करवाया था। गर्मी के दिनों में यहाँ ठंडी हवाएं चलती है ,यहाँ से रात में उदयपुर का दृश्य  देखने लायक होता है ,सांयकाल  में देखने पर यह महल बहुत रमणीय दिखाई देता है। 


इसके अलावा देखने योग्य जगह 

  1. फतेह सागर 
  2. मोती मगरी 
  3. बाहुबली हिल्स उदयपुर 
  4. सहेलियों की बाड़ी 

आसपास की जगह 

  1. नाथद्वारा 35 km. दूर 
  2. कुम्भलगढ़ 
  3. कांकरोली 
  4. एकलिंग मंदिर 
  5. ऋषभदेव 
  6. हल्दीघाटी 
  7. रनकपुर 
  8. राजसमंद झील 
  9. चित्तौडग़ढ़ 
  10. जगत 

यातायात सुविधा 

यहाँ आने के लिए हवाई ,रेल , सड़क यातायात सुविधा उपलब्ध है।
नजदीकी हवाई अड्डा उदयपुर हवाई अड्डा है। सड़क मार्ग से जयपुर से 9 घंटे , दिल्ली से 14 gante में  , और मुंम्बई से 17 घंटे में उदयपुर पंहुचा जा सकता है। 


राजा रामचंद्र की जय 🙏

History of Udaipur History of Udaipur Reviewed by Arnab Kumar Das on April 12, 2020 Rating: 5

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