History of Parmars
परमार राजवंश का इतिहास
परमार एक राजपूत राजवंश है , पौराणिक कथाओ के अनुसार परमार क्षत्रियो की उत्तपत्ति अग्नि कुंड से हुई है , परमार राजवंश एक शक्तिशाली वंश है , जिन्होंने मध्य भारत के मालवा क्षेत्र शासन किया इस वंश में न जाने कितने महान क्षत्रियो ने जन्म लिया जिन्होंने इस भारत वर्ष के स्वाभिमान को बनाये रखा , इसी वंश में सनातन धर्म रक्षक चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य का जन्म हुआ था , जिन्होंने विक्रम सावंत की स्थापना की थी। सम्राट विक्रमादित्य के समय में ही हमारे भारत देश को सोने की चिड़िया कहा जाता था ,इनके राज्य में प्रजा बहुत खुशहाल थी ,और सर्व सम्पन्य थी।
- चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य परमार
परमार राजवंश का इतिहास
पुराणों के अनुसार अग्नि कुंड से चार महान क्षत्रियो की उतपत्ति हुई जिनमे परमार ,परिहार ,सोलंकी ,एवं चौहान हुए , इन्हे अग्नि वंसज भी कहा जाता है।
कुछ प्रचलित कथाओ के अनुसार ये राष्ट्रकूट (राठौर ) राजपूत वंश के सामंत के रूप में थे ,जिन्होंने आगे चल कर अपना नया राजवंश स्थापित किया।
परमार / पंवार वंश का इतिहास || Parmar/ Panwar Dynasty History
9 वी सदी में परमार राजपूतो ने अपना शासन मध्य भारत के मालवा क्षेत्र पर स्थापित किया , परमार राजवंश ने अपनी राजधानी धार नगरी को बनाया। परमार राजवंश एक महान शक्तिसाली राजवंश के रूप में सामने आया ,इस वंश में ऐसे कई महान राजा हुए जिन्होंने इस वंश का मान बढ़ाया।
इसी वंश में महान राजा भोज का जन्म हुआ जिन्होंने भोजपुर की स्थापना की ,जिसे हम वर्तमान में भोपाल के नाम से जानते है ,राजा भोज एक कुशल शासक , विद्वान ,और प्रजा प्रिय राजा थे ,जिन्होंने ऐसे कई कार्य किये जिससे उनकी प्रजा को लाभ पहुंचे।
परमार राजवंश की रियासते एवं ठिकाने -
- आगरा बारकेरा
- अमरकोट
- बाघल
- बघात
- बालसान
- बम्बोरी
- बामरोली
- बेरी
- भटखेड़ा
- भैसोला
- बिजोलिया
- चांगई
- छतरपुर
- देवास
- दांता
- धार
- धुवाखेड़ी
- डूमरतर
- डुमराव
- गंगपुर
- हापा
- हीरापुर
- इटौंजा
- जगदीशपुर
- जैतसीसर
- जंभुगोधा
- झडौल
- उसला अमरगढ़
- लौटाना
- मोहनपुर
- भालसान
- मुली
- नाहरसर
- नरसिंघगढ़
- नावा खेरा
- पालासनी
- पंचकोट
- फलतान
- प्रतापपुर
- राजगढ़
- रणासन
- रणासर
- संत
- सोनपालसर
- सुदासना
- तेहरी गढ़वाल
- दुर्गणा
- ठेका
- तीरहुठ
- वैराग
- बड़ागाम
परमार राजवंश की रियासते एवं ठिकाने।
परमार राजपूतो की कई रियासते ठिकाने एवं जागीरे है , जो परमार राजवंश के गौरव का प्रतीक है।
RAJPUT - परमार वंश
- आगरा बारकेरा - यह रियासत परमार राजपूतो की जागीर है , इस जागीर के अंदर 12 गांव आते है , इस रियासत के शासको ने 1857 की लड़ाइयों भाग लिया था।
इस रियासत के शासक - ठाकुर निबोई सिंह 1818 -1859
ठाकुर बलवंत सिंह
ठाकुर बलदेव सिंह
ठाकुर माधव राव सिंह
ठाकुर जगन्नाथ सिंह
2 . अमरकोट - अमरकोट या उमरकोट यह रियासत पाकिस्तान सिंध में है , इस रियासत पर परमार राजपूतो का शासन रहा है ,वर्तमान में इसके शासक राणा हम्मीर सिंह सोढा है , यह सिंध सरकार में कई विशेष पद बार भी रहे। राणा हम्मीर सिंह सोढा की तीन बेटिया एवं 1 बेटा है।
उनकी बेटियां कुमारी देवल सोढा ,कुमारी अपरजिता सोढा ,कुमारी महालक्ष्मी सोढा , और बेटे का नाम कुंवर करनी सिंह सोढा है।
कुमारी देवल सोढा ने आउवा के राजा साहब गजेंद्र सिंह के बेटे भॅवर रूद्र प्रताप सिंह से शादी की।
कुमारी अपराजिता की शादी अवागढ़ के महाराज कुमार युवराज अम्बरीष पल सिंह जी के साथ हुई।
कुमारी महालक्ष्मी सोढा की शादी बलरामपुर के महाराज कुमार जयेन्द्र प्रताप सिंह जी से हुई थी।
कुंवर करनी सिंह सोढा की शादी कानोता के ठाकुर मान सिंह जी की पुत्री baijilal पद्मिनी कुमारी से 2015 में हुई थी ,इनका एक बेटा भी हैं , जिसका नाम भॅवर विश्वराज सिंह सोढा है।
3 . बाघल - यह रियासत परमार राजपूतो की ही रियासत है ,यह रियासत हिमाचल प्रदेश में है। इसके वर्तमान महाराजा हर्षवर्धन सिंह है। इस रियासत के अंतर्गत 433 गांव आते है।
4 . बघात - यह रियासत हिमाचल प्रदेश में है , इस रियासत के वर्तमान राजा केशविंदर सिंह जी है।
5 . बलसान - parmar rajputo परमार राजपूतो की यह एक रियासत है , जिसके महाराजा राणा त्रिविक्रम भूषण सिंह जी है। यह रियासत भी हिमांचल प्रदेश में है।
अन्य रियासतों एवं ठिकाने व् जगीरो के बारे में
History of Parmars
Reviewed by Arnab Kumar Das
on
October 08, 2020
Rating:
Jai ho
ReplyDeleteBadiya blog sa
ReplyDeleteJai rajputana
ReplyDeleteJai maa bhawani🙏🚩🚩
ReplyDeletejai ho
ReplyDeletebahut bdiya blog h ye
ReplyDeleteJai bhawani
ReplyDeleteJai Rajputana
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